Sunday 7 April 2019

पिता जी का लोइया

 किसी को कुछ चाहिए और किसी को कुछ चाहिए
आज भी पिता जी से सबको कुछ न कुछ चाहिए
छोटे के फटे जूते उसे रिबॉक के नए अभी चाहिए
फटी है बड़े की भी जींस उसे डेनिम की ही चाहिए
बिटिया हो गई बड़ी उसे अब नथ सोने की चाहिए
पुराना हुआ पत्नी का सूट उसे भी अब गर्म चाहिए
जाड़े में खुद पिता जी को भी लोइया नया चाहिए
एक पिता जी की कमाई से देखो क्या क्या चाहिए
खरीद लाए पिताजी वो सब कुछ जो जो था चाहिए
सब खुश हैं मिल गया जो सभी को जो था चाहिए
खुश हो ओढ़ लेते सब अब पिताजी का नया लोइया
दूर खड़े थे पिता जी जैसे उनके लिए नहीं है लोइया
हिसाब कर रहे थे कितने की आई चीजें और लोइया
कुछ एडवांस कुछ कर्ज से आए थे सब और लोइया
बेखबर बच्चे कहते खूब गर्म है पिता जी का लोइया
जैसे पिता जी का लोइया बन जाता है सबका लोइया
ऐसे ही पिता जी को भी बबना होता है सबका लोइया

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