Monday 13 December 2010

चन्द सांसें सकून की

कुछ लम्हे ठहर, रहम कर मुझ पर,
मत पुकार यूं मुझे बार-बार !
लेने दे मुझे चन्द सांसें सकून की,
जीने दे कुछ पल मुझे भी अपने !
उम्र भर भटकता रहा हूं यूं ही
मैं क्षितिज पर अनन्त !

न मंजिल, न जहां कोई मेरा अपना,
लड़खड़ाता, टूटता-जुड़्ता, फिसल कर संभलता,
समेटता खुद को, ज़ज़बातों को छुपाता,
असूलों को जीता, भटकता रहा हूं यूं ही
मैं क्षितिज पर अनन्त !

बस, अब बस ! थोड़ी देर ठहर !
लेने दे मुझे चन्द सांसें सकून की !

फिर आऊंगा मैं लौट कर रहा मेरा वादा !
ठहरना चाहता हूं, रुकना नहीं !
ताकि भर सकूं खुद में फ़िर से शक्ति अपार,
विश्वास अगाध, और लड़ सकूं तुझ से !
बस इसलिए, लेने दे मुझे चन्द सांसें सकून की !

15 comments:

  1. “वास्तव” को परिभाष्ति करने की कला कोई आपसे सीखे - “जांपनाह, तुसी ग्रेट हो - तोहफा कबूल करो”

    ReplyDelete
  2. Sundr aur bhavpurn abhivyakti.shubkamnayen.

    ReplyDelete
  3. ... bahut sundar ... behatreen rachanaa ... badhaai !!!

    ReplyDelete
  4. bahut hi sunder ehsas ke sath sunder prastuti............

    ReplyDelete
  5. फिर आऊंगा मैं लौट कर रहा मेरा वादा !
    ठहरना चाहता हूं, रुकना नहीं !
    ताकि भर सकूं खुद में फ़िर से शक्ति अपार,
    विश्वास अगाध, और लड़ सकूं तुझ से !
    बस इसलिए, लेने दे मुझे चन्द सांसें सकून की !
    Behad sundar!

    ReplyDelete
  6. Nihayat khoobsoorat rachana hai!

    ReplyDelete
  7. बहुत ही सुन्दर एहसास के साथ सुन्दर प्रस्तुति|

    ReplyDelete
  8. सुन्दर रचना, साधुवाद.

    ReplyDelete
  9. सुन्दर अभिव्यक्ति की अनंत संवेदनाये समाहित हैं आपकी इस रचना में !
    -ज्ञानचंद मर्मज्ञ

    ReplyDelete
  10. 5.5/10

    "ठहरना चाहता हूं, रुकना नहीं !
    ताकि भर सकूं खुद में फ़िर से शक्ति अपार,"
    सुन्दर रचना
    सार्थक अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  11. ठहरना चाहता हूं, रुकना नहीं !
    ताकि भर सकूं खुद में फ़िर से शक्ति अपार,"
    बहुत ही सुन्दर एहसास !

    ReplyDelete
  12. बहुत ही सुन्दर एहसास के साथ सार्थक अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  13. फिर आऊंगा मैं लौट कर रहा मेरा वादा !
    ठहरना चाहता हूं, रुकना नहीं !
    ताकि भर सकूं खुद में फ़िर से शक्ति अपार,
    विश्वास अगाध, और लड़ सकूं तुझ से !
    बस इसलिए, लेने दे मुझे चन्द सांसें सकून की !

    Sunder panktiyan ......Badhai......

    ReplyDelete