tag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post9061392806755805291..comments2023-09-05T03:03:04.543-07:00Comments on 'क्षितिज' The Horizon: डरJAGDISH BALIhttp://www.blogger.com/profile/12672029642353990072noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-58553084075461350412010-12-26T11:44:34.542-08:002010-12-26T11:44:34.542-08:00बाली जी , बहुत ही सुंदर कविता गहरे जज्बात के साथ ...बाली जी , बहुत ही सुंदर कविता गहरे जज्बात के साथ .....सच ऐसी आशंकाएं निर्मूल नहीं... सुंदर प्रस्तुति <br /><br /><a href="http://srijanshikhar.blogspot.com/2010/12/blog-post_26.html" rel="nofollow">फर्स्ट टेक ऑफ ओवर सुनामी : एक सच्चे हीरो की कहानी</a><br /><br /><a href="http://azamgarhbloggers.blogspot.com/2010/12/blog-post_26.html" rel="nofollow">रमिया काकी</a>उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-8265879669193901892010-12-26T06:23:20.943-08:002010-12-26T06:23:20.943-08:00चिंतन वाकई गहन है...
परन्तु यूँ दरेंगें तो जियेंगे...चिंतन वाकई गहन है...<br />परन्तु यूँ दरेंगें तो जियेंगें कब???<br />यूं ही सोचने में उम्र बीत जायेगी...<br />हर रात को आना है, आने दीजिये...<br />फिक्र किस बात की है...POOJA...https://www.blogger.com/profile/03449314907714567024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-40763262827163140092010-12-26T06:14:35.986-08:002010-12-26T06:14:35.986-08:00जगदीश बाली जी
नमस्कार !
..........बहुत गहन चिंतन...जगदीश बाली जी <br />नमस्कार ! <br />..........बहुत गहन चिंतन <br />क्रिसमस की बहुत बहुत शुभकामनायेसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-19063683585261139872010-12-25T22:37:55.403-08:002010-12-25T22:37:55.403-08:00बढ़िया रचना है... जीवन के एक पहलू से परिचित करवाया...बढ़िया रचना है... जीवन के एक पहलू से परिचित करवाया है आपने..<br />बधाई एवं आभारसोमेश सक्सेना https://www.blogger.com/profile/02334498143436997924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-84182150860250950372010-12-25T19:47:21.056-08:002010-12-25T19:47:21.056-08:00डर के बारे में एक नयी सोच और बहुत गहन चिंतन ...आपक...डर के बारे में एक नयी सोच और बहुत गहन चिंतन ...आपका बहुत आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-91655740154227949682010-12-25T18:30:07.145-08:002010-12-25T18:30:07.145-08:00फ़ूल पाने की आशा में बढ़ता हाथ, पर कांटों की चुभन ...फ़ूल पाने की आशा में बढ़ता हाथ, पर कांटों की चुभन का डर !<br />मंजिल की तलाश में उठते कदम, पर मंजिल से भटकने का डर.<br /><br />डरने से डर और डराता हैKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-23322704765346769832010-12-25T11:31:23.203-08:002010-12-25T11:31:23.203-08:00अधिकतर यही डर हमसे बहुत कुछ सकारात्मक भी करवाता र...अधिकतर यही डर हमसे बहुत कुछ सकारात्मक भी करवाता रहता है..Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-5840032928294384672010-12-25T07:35:37.860-08:002010-12-25T07:35:37.860-08:00aadmi is zindagi men kuchh thaan le agar,
maut se ...aadmi is zindagi men kuchh thaan le agar,<br />maut se pahle zindagi,shaam se pahle sahar !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-42799022080978349352010-12-25T07:34:16.868-08:002010-12-25T07:34:16.868-08:00बंधुवर जगदीश बाली जी
नमस्कार !
मन के डर की...<b><i> बंधुवर जगदीश बाली जी</i></b> <br /> नमस्कार ! <br /><br />मन के डर की स्थिति को समर्पित आपकी रचना भी कमाल है …<br /><b> </b> सच है, हम सब कितने डर पाले होते हैं । <br /> <br />लेकिन , यहां एक पुराना गीत याद आ रहा है - <br /><b>जीवन में तू डरना नहीं … <br />सर नीचा कभी करना नहीं …<br />हिम्मतवाले को मरना नहीं … </b> <br /><br />…और अपने गब्बर भाई कहते हैं न - <br /><b>जो डर गया … समझो … … … :) </b> <br /><br /><b>~*~नव वर्ष २०११ के लिए हार्दिक मंगलकामनाएं !~*~</b> <br /><br />शुभकामनाओं सहित<br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-40994016301882666842010-12-25T07:28:57.211-08:002010-12-25T07:28:57.211-08:00कमाल की रचना है, बेहतरीन! आपकी कई रचनाएँ आज पढ़ी,...कमाल की रचना है, बेहतरीन! आपकी कई रचनाएँ आज पढ़ी, अफ़सोस है कि अब तक आप से दूर रहा, ब्लॉग जगत में ऐसी रचनाएँ पढने को कम ही मिलती हैं!nilesh mathurhttps://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-21786082328020874532010-12-25T01:21:35.720-08:002010-12-25T01:21:35.720-08:00जीवन के दो पक्ष ही होते हार या जीत . मैदान में उतर...जीवन के दो पक्ष ही होते हार या जीत . मैदान में उतरने से पहले ही हार के बारे में सोच लेना मनुष्य को दृढ निश्चय से विचलित करती है .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7684515994714040349.post-29213778260249893192010-12-24T22:21:49.576-08:002010-12-24T22:21:49.576-08:00डर के आगे जीत
"मेर्री क्रिसमस" की बहु...डर के आगे जीत <br /><br /><br />"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनायेSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.com